Monday 2 January 2012

नया साल में ..

पूरी हो तुम्हारी हर ख्वाहिश, हर आरजू ,हर अरमान नए  साल में,
तुम्हारे   ऊपर खुशियों के फूल   बरसाये  आसमान , नए साल   में.


ग़म की  ज़रा    सी  हवा   भी   छूने   न   पाए, तुम्हारे  दामन को
ऐ जाने   ग़ज़ल, ख़ुदा  तुमपर     हो जाये मेहरबान , नए  साल  में. 

बेसहारों   का  सहारा     बनो ,  बीमारों     का      मसीहा     बनो, 
करो काम कुछ ऐसा ,फ़ख्र  करे तुम पर  सारा जहान, नए साल में.


गर मंज़िल-ए-जानां  की  जुस्तजू  है  ,दिल  में  तमन्ना   जवाँ  रख ,
दुश्वारियों की परवाह न कर,लगा दो अपना दिल-ओ जां,नए साल में.


माल-ओ -ज़र की आरज़ू नहीं ,तख़्त-ओ- ताज की तमन्ना नहीं "क़सीम"
गरीबों , दर्दमंदों ,  के  काम   आऊं,  बनूँ    ऐसा   इन्सान , नए   साल में .



































No comments:

Post a Comment