पूरी हो तुम्हारी हर ख्वाहिश, हर आरजू ,हर अरमान नए साल में,
तुम्हारे ऊपर खुशियों के फूल बरसाये आसमान , नए साल में.
ग़म की ज़रा सी हवा भी छूने न पाए, तुम्हारे दामन को
ऐ जाने ग़ज़ल, ख़ुदा तुमपर हो जाये मेहरबान , नए साल में.
बेसहारों का सहारा बनो , बीमारों का मसीहा बनो,
करो काम कुछ ऐसा ,फ़ख्र करे तुम पर सारा जहान, नए साल में.
गर मंज़िल-ए-जानां की जुस्तजू है ,दिल में तमन्ना जवाँ रख ,
दुश्वारियों की परवाह न कर,लगा दो अपना दिल-ओ जां,नए साल में.
माल-ओ -ज़र की आरज़ू नहीं ,तख़्त-ओ- ताज की तमन्ना नहीं "क़सीम"
गरीबों , दर्दमंदों , के काम आऊं, बनूँ ऐसा इन्सान , नए साल में .